इंदौर। जिला जेल में बंद भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को लेने के लिए रविवार सुबह पार्षद और विधायक जेल के बाहर पहुंचे। शनिवार को जमानत और जेल से रिहा होने की उम्मीद थी, लेकिन फैसला आने पर जमानत के दस्तावेज जेल पहुंचने में देरी होने से वे रिहा नहीं हो पाए। इस वजह से विधायक ने करवटें बदलकर जेल बैरक में आखिरी रात बिताई।
जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने बताया कि विधायक को रविवार सुबह करीब साढ़े सात बजे जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें लेने के लिए भाई कल्पेश, पार्षद चंदू शिंदे और विधायक रमेश मेंदोला कुछ समर्थकों के साथ आए थे। जमानत के दस्तावेज नहीं मिलने से उन्हें शनिवार को जेल से रिहा नहीं किया गया था। कोर्ट मुंशी शनिवार देर रात करीब 11 बजे जमानत ऑर्डर की कॉपी लेकर आया था। रविवार सुबह जेल खुलने के बाद आधा घंटे में कागजी कार्रवाई की गई। आकाश के दोनों सुरक्षाकर्मी अलसुबह से ही जेल के बाहर तैनात थे।
रात से ही कर ली थी रिहा करने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक शनिवार रात से ही जेल प्रशासन ने रविवार सुबह विधायक को जल्दी रिहा करने की तैयारी कर ली थी। आशंका थी कि समय लगने पर विधायक समर्थकों का जेल के बाहर जमावड़ा लग जाएगा। इस वजह से शनिवार रात ही जेल प्रबंधन ने अधिकारी और कर्मचारियों को बता दिया था।
84 घंटे बिताए जेल में
आकाश ने 84 घंटे तक जेल में बिताए। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि जेल में उनका समय अच्छे से बीता है। गुपचुप तरीके से जेल से रिहा होने की वजह से पुलिस को विधायक की रिहाई की खबर देरी से मिली। इस वजह से पुलिस देरी से जेल पहुंच सकी। एएसपी अनिल पाटीदार और सीएसपी ज्योति उमठ दलबल के साथ विधायक को तलाशते हुए भाजपा कार्यालय पहुंचे। उधर, भाजपा कार्यकर्ताओं ने यहां तैनात पुलिसकर्मियों को भी मिठाइयां खिलाईं। इसकी शिकायत कांग्रेस नेता विवेक खंडेलवाल और गिरीश जोशी ने गृह मंत्री को की है।